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भगवान के डाकिए
प्रश्न 1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों कहा है ? स्पष्ट कीजिए |
उत्तर . जिस प्रकार हम लोगो के अपने सन्देश को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजने का कार्य डाकिए करते है , उसी प्रकार भगवान के सन्देश भेजने का कार्य पक्षी , हवा , बदल आदि करते है |इसलिए कवि ने इन्हें भगवान के डाकिए कहा है |
प्रश्न 2. पक्षी और बादल द्वारा ली गई चिठिया को कौन -कौन पढ़ पाते है ? सोचकर लिखिए |
उत्तर . पक्षी आवर बदल की लाई गई चिठियो को पेड़ , पोधे , पानी , पहाड़ आदि पढ़ पाते है |
प्रश्न 3 . किन पंकितियो का भाव है -
(क). पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दुसरे देश को भेजते है |
उत्तर . पक्षी और बदल ये भगवान के डाकिए है जो एक महादेश को जाते है |
(ख). प्रकृति देश-देश में भेदभाव नही करती | एक देश से उठा बादल दुसरे -देश में बरस जाता है |
उत्तर . एक देश का भाप दुसरे देश में पानी बनकर बहता है |
प्रश्न 4 . पक्षी और बादल की चिठियो में पेड़ - पौधे पानी और पहाड़ क्यों पढ़ पाते है ?
उत्तर . पक्षी और बादल भगवान के डाकिये है | इनके द्वारा लाई गई चिठिया में पेड़ -पोधे और पहाड़ , प्रेम सदभाव परस्पर मेल और समानता का संदेश पढ़ पते है |
प्रश्न 5 . एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है कथन का भाव स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर . एक देश की धरती दुसरे देश को सुगंध के माध्यम से प्रेम व सदभावना का संदेश भेजती है धरती अपने फूलो की खुशबु को हवा व् पक्षियों के मध्मो से तथा अपने पानी को नदियों व बादलो के माध्यमो से दुसरे देशो में भेजकर हमे आपस में मिलकर रहने का व भेदभाव न करने का संदेश देती है |
पाठ के लेखक का नाम .> रामधारी सिंह "दिनकर "
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