समय की सुरुआत class 11 History chapter 1

 

 समय की सुरुआत से ...

बच्चो आज हम आपको chapter 1 का नोट्स करवाने वाले है...

आपको यह जानना बहुत जरुरी है की आप इस chapter में क्या पढने वाले है क्योकि class 11 की History में आपको सुरु से ही एपिसोड की तरह पढना होगा तब आपको समझ आएगा यानि chapter 1 से जितने भी chapter है चलो सुरू करते है ...

. समय की सुरुआत में हम पढेंगे ...

मानव, आधुनिक मानव,जीवाश्म,प्रजाति,होमोनिड,ओसट्रेलोपिथिक्स आदि के बारे में पढेंगे ...

. मानव :-

56 लाख वर्ष पहले पृथ्वी पर इसे प्राणियों का प्रदुभार्व हुआ जिन्हें हम मानव कह सकते है | आधुनिक मानव 1,60,000 साल पहले पैदा हुआ

. आधुनिक मानव के उद्भव के दो सिधांत :-

क्षेत्रीय निरंतरता माडल सिधांत :- अनेक छेत्रो में अलग – अलग स्थानों पर मानव की उत्त्पति हुई |

परिस्थापन का सिधांत :- मानव का उद्भव अफ्रीका में हुआ था वह से भिन्न – भिन्न  इलाको में फेले

. पुरातत्वविद :-

यह वह विज्ञानिक है जो मानव इतिहास का अध्यन खुदाई से मिले अवशेषो के अध्यन के द्वारा करता है ..

. आदिमानव के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत :-

.जीवाश्मो

.पत्थर के ओजरो

.आदि मानव द्वार की गई गुफाओ में चित्रकारी

. जीनस :-

जीनस यानि वंश जिसको हम हिंदी में कहते है

. जीवाश्म :-

जीवाश्म पुराने पोधे, जानवर या मानव के उन अवशेषों या छापो के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो एक पत्थर के रूप में बदलकर अक्सर किसी चट्टान में समा जाते है और लाखो सालो तक उसी रूप में पड़े रहते है

:- अगर आपको यह अच्छा लग रहा है तो आगे और भी class 11 की chapter है पढ़े ...

. प्रजाति :-

जीवो का एक ऐसा समूह होता है जिसके नर – मादा मिलकर बच्चे पैदा कर सकते है और उनके बच्चे भी प्रजनन यानि संतान उत्पन्न करने में समर्थ हो ...

. आन दी ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज :-

चार्ल्स डार्विन द्वारा लिखित पुस्तक दी ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज 24 नवम्बर सन 1859 को प्रषित की जिसमे दलील की गई है मानव का विकाश जानवरों से हुआ है क्रमिक रूप से विकशित होकर वर्तमान रूप में आया ...

. प्राइमेट :-

स्तनपाई प्राणियों की एक आधिक बड़ा समूह है इसमें वानर लंगूर और मानव सामिल है ...

. होमो :-

लातिनी भाषा का सब्द है जिसका अर्थ है मानव | इसमें स्त्री पुरुष में लागू होता है

. होमो के प्रकार :-

वैज्ञानिको ने इसे कई प्रजातियों में बांटा है  

होमो हेविलिस :- ओजार निर्माता वाले

होमो एरेक्टस :- सीधे खड़े होकर पैरो के बल चलने वाले  

होमो सैपियंश :- चिंतन शील मनुष्य

ओसट्रेलोपिथिक्स :-

यह लातिनी भाषा के सब्द है “आस्ट्रेलो” यानि दक्षिणी और यूनानी भाषा के “पिथिक्स” यानि वानर है ये दोनों से मिलकर बना है यह नाम इसलिए दिया गया है क्योकि मानव के आद्या रूप में उसकी वानर अवस्था के अनेक लक्षण बरक़रार रहे...

. ओसट्रेलोपिथिक्स की विशेषताए बताये ..

ओसट्रेलोपिथिक्स का मस्तिक होमो की अपेक्षा बड़ा होता है

इनके जबड़े भारी होते थे

इनके दांत भी बड़े होते है

हांथो की दक्षता सिमित थी

सीधे खड़े होकर चलने की क्षमता अधिक नहीं थी

यह अपना अधिक समय पेड़ों पर गुजारते थे

.होमो की विशेषताए बताये..

इनका मस्तिक ओसट्रेलोपिथिक्स के अपेक्षा छिता होता था

इनके दांत छोटे आकार का होता है

ये हांथो का अच्छा प्रोयोग कर लेते थे

इसमें सीधा खड़ा होकर चलने की क्षमता आधिक थी

. होमिनोइड :-

यह बंदरो से कई तरह से भिन्न होते है इनका शारीर बंदरो से बड़ा होता है और इनकी पूंछ नही थी

. होमोनोइड की विशेषताए :-

बंदरो से कई तरह से भिन्न है

उनका शारीर बंदरो से बड़ा और उनकी पूंछे भी नही होती

होमोनोइड की विकाश और निर्भरता की अवधी भी अधिक भी होती है

. होमोनिड :-

होमोनिड नमक परिवार के सदस्य होते है ओस परिवार में सभी रूपों का मानव प्राणी सामिल है

. होमोनिड की विशेषताएं :-

इनके मस्तिक का आकार बड़ा होता है

इनके पास पेरो के बल खड़े होने की क्षमता होती है

ये दो पैरो के बल चलते है

इनके हांथो में विशेष क्षमता जिससे वह ओजार बना सकते था और उसका इस्तमाल कर सकता था

होमोनिड के अफ्रीका में उद्भव के प्रमाण :-

इसके दो प्रमाण है

. अफ़्रीकी वानरों एप का समूह होमोनिड से बहुत गहरे से जुड़ा है

होमोनिड और होमोनाईड में अंतर :-

इनका होमोनाईड की तुलना में मस्तिक छोटा है

ये सीधे खड़े होकर पिछले दो पेरो के बल चल सकते है

इनके हाँथ विशेष किस्म के होते है जिसके शाहारे ये हथियार बना सकते है और इन्हें इस्तमाल भी कर सकते है

इनकी उत्त्पति लगभग 56 लाख वर्ष पूर्व मन जाता है

होमोनाईड की विशेषताए :-

इसका मस्तिक होमोनिड के तुलना में बड़ा होता है

. ये चारो पैर के बल चलते थे लेकिन उनके शारीर का अगला हिस्सा और आगले दोनों पैर लचकदार थे

. इनकी हांथी की बनावट भिन्न थी ये ओजार का उपयोग करना नही सीखे थे इनकी उत्त्पति होमोनिड की उत्त्पति से पहले मान जाता है

. आदिकालीन मानव किस तरह से भोजन ग्रहण करता था ..

. संग्रहण

. शिकार

. मछली पकड़ना

. अपमार्जन

. अपमार्जन :- इसका अर्थ है त्यागी हुई वस्तुओ का सफाई करना या भक्षण करना

. संचार भाषा व् कला

भाषा के प्रकार पर कई प्रकार के मत है जैसे :-

होमोनिड भाषा में अंगविक्षेप ( हाव – भाव ) या हांथो का का संचालन (हिलाना) था

. उचारित भाषा से पहले गाने या गुनगुनाने जैसे मोखित या (अ) शाब्दिक संचार का प्रयोग होता है

. बोली जाने वाली भाषा की उत्पत्ति :-

एसा मन जाता है की होमो हेबिलिस की मस्तिक में कुछ एसी विशेषताए थी जिसके कारन उन्हें बोलना संभव हुआ होगा  

भाषा का विकाश सबसे पहले 20 लाख वर्ष पूर्व हुआ तंत्र का विकाश लगभग दो लाख वर्ष पहले हुआ इसका संभंध खास तोर पर आधुनिक मानव से हुआ

. शिकारी संग्राहक समाज :-

यह समाज शिकार करने के साथ साथ आर्थिक क्रियकालापो में लगे रहते थे – जैसे जंगल में पाई जाने  वाली छोटी छोटी विनिमय वयापार आदि

हद्जा जनसमूह :-

यह सिकरिया तथा संग्रहको का एक छोटा समूह है जी लेक इयासी खारे पानी की विभ्रम्स बनी घाटी के आस पास रहते थे यह लोग हांथी को छोड़कर बाकि सब जानवरों का शिकार करते थे एवं उनका मॉस खाते थे

. ऑल्टामीरा की गुफा की विशेषताए

ऑल्टामीरा स्पेन में स्तिथ गुफा स्थल है ये गुफा इसके छत पर बने चित्रकारियो के लिए प्रसिद्ध है इस चित्रकारी में रंग के बजाते लेट का उपयोग किया गया है

. हिमयुग का प्रारंभ :-

हिमयुग का आरम्भ लगभग 25 लाख वर्ष पूर्व ध्रुवीय हिमाछ्दन से हुआ था इसमें पृथ्वी के बड़े भाग बर्फ से धक् गये इससे जलवायु तथा वनस्पति को स्तिथि बड़े बड़े परिवर्तन आये तापमान और वर्षा में कमी हो जाने के कारन जंगल कम हो गये और घास के मैदान बढ़ गये

. हिमयुग का अंत :-



लगभग 13 हजार वर्ष पहले हिमयुग का अंत हो गया जिसमे मनुष्य में अनेक परिवर्तन आये

जैसे खेती करना पसुपालन आदि

अगर आपको यह अमझ आया हो तो comment करे और इसका दूसरा एपिसोड यानि दूसरा chapter इस वेबसाइट में देखे ...

 

 

 

 

 

 

 

 

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