Mahatma Gandhi....
दोस्तों आज हम
महात्मा गाँधी के बारे में जानेगे उनका जीवन उनके हत्यारे का नाम, जन्म मृत्यु के
बारे में
. गाँधी जी का पूरा
नाम मोहन दास करमचंद गाँधी था, जब भी हम अपने देश का इतिहास बात करते हैं तो
स्वतंत्रा संग्राम की बात जरुर होती है और किन – किन ने अपना योगदान दिया इनके
बारे में भी बात करते है इस स्वतंत्रा संग्राम में दो प्रकार सेनानी हुआ करते थे
पहले - जो अंग्रेजो के द्वारा किये गये अत्याचारों का
जवाब उन्ही की तरह देना चाहते थे जैसे – चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह
दुसरे – दुसरे वो जो
खुनी मंजर के बजाये शान्ति की राह पर चलकर देश को आजद दीलाना जिसमे प्रमुख नाम
गाँधीजी का है
गाँधीजी की की जीवनी
( बायोग्राफी ऑफ़ महात्मा गाँधी )
गांधीजी का हम आपको
सारी बाते बताने वाले है –
नाम – मोहनदास
करमचंद गाँधी
पिता का नाम –
करमचंद गाँधी
माता का नाम –
पुतलीबाई
जन्म दिनांक – 2
अक्टोबर 1869
जन्म स्थान – गुजरात
के पोबंदर छेत्र में
रास्ट्रीयता –
भारतीय
धर्म – हिन्दू
जाती – गुजरती
शिक्षा – बेरिस्टर
पत्नी का नाम –
कस्तुबाई मखजी कपाडिया
बेटा बेटी का नाम –
4 पुत्र हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
मृत्यु – 30 जनवरी
1948
हत्यारे का नाम - नाथूराम गोडसे
आपने देखा की
महात्मा गाँधी जी का यह पर सारी बाते बताई गयी है अब चलते है और भी कुछ जानते है
गाँधी जी का जन्म भारत
के गुजरात राज्य के पोबंदर छेत्र में हुआ उनके पिता श्री करमचंद गाँधी पोबंदर के
दीवान थे और माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी
था महात्मा गाँधी का 4 बेटे थे हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
महात्मा गाँधी जी की
पढाई ...
नवम्बर सन 1887 में
उन्होंने अपनी मेट्रिक की परीक्षा पास कर ली और सन 1888 में उन्होंने भाव नगर के
सामलदास कोलेज में दाखिला लिया और यहाँ से डिग्री प्राप्त कर ली, इसके बाद वे
london गये और वह से बेरिस्टर बनकर लोटे
. महात्मा गाँधी की
दक्षिण अफ्रीका की यात्रा –
सन 1884 में किसी
क़ानूनी विवाद के संबंध में गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका गये थे और उन्होंने वहा अन्याय के खिलाफ अवज्ञा आन्दोलन
चलाया और उसके बाद पूर्ण लोट आये
. महात्मा गाँधी का
भारत आगमन और स्वतंत्रा संग्राम में भाग लेना
सन 1916 में गाँधी
जी दक्षिण अफ्रीका से भारत लोटे और फिर हमारे देश के आजदी के लिए अपने कदम सुरु किया.
सन 1920 में कोंग्रेस लीडर बल गंगाधर तिलक की मृत्यु होने के बाद गाँधी जी ही
कांग्रेस के मागदर्शक थे
सन 1914 – 1919 के
बिच जो प्रथम युध हुआ था ( first would war ) हुआ था उसमे गाँधी जी ब्रिटिश सरकार
का इस सर्त पर पूर्ण सहयोग दिया. की इसके बाद वे भारत को आजाद कर देंगे. परन्तु जब
अंग्रेजो ने एसा नही किया तो फिर गाँधी जी देश को आजादी दिलाने के लिए बहुत से
आन्दोलन चलाये
इनमे से कुछ आन्दोलन निचे दिए गये है –
सन 1920 में –
असहयोग आन्दोलन
सन 1930 में –
अवज्ञा आन्दोलन
सन 1942 में – भारत
छोड़ो आन्दोलन
गाँधी जी की बहुत
सारी आन्दोलन चलाये गये –
सन 1918 में – (चंपारण
और धेदा सत्याग्रह )
सन 1919 में – खिलाफत
आन्दोलन
सन 1920 में - असहयोग
आन्दोलन
सन 1930 में –
अवज्ञा आन्दोलन
सन 1942 में – भारत
छोडो आन्दोलन
. चौरा चौरी कांड –
उत्तरप्रदेश राज्य के चौरा चौरी स्थान पर जब कुछ लोग संतिपुर्वाक तरीके से अपनी
रेली निकल रहे थे तब अंग्रेज सेनिको ने उन पर गोलिया चला दी थी और बहुत लोगो को
मौत भी हो गई थी तब इस घुस्से से भरी भीड़ ने polish स्टेशन में आज लगा दी और वह
उपस्तिथ २२ सेनिको की हत्या हो गयी
. छुआछुत को दूर करना
– गांधीजी ने समाज में पहेली छुअछुट की भावना को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किये
उन्होंने पिछड़ी जाती को इस्वर के नाम पर हरी-जन नाम दिया और जीवन परियत्न किया
. महात्मा गांधी की
मृत्यु और हत्यारे का नाम –
30 जनवरी सन 1948 को
नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी उनकी मृत्यु के बाद डेल्ही के
राजघाट पर उनका समाधी स्थल बनाया गया महात्मा गांधी 79 साल की उम्र में सारे देशवाशियों
को अलविदा कहकर चला गये
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